Saturday 22 January, 2011
हनुमान जी का बरूआ संस्कार (जनेऊ)
अब चैत्र मास की नवरात्रि में झपोला महराज के नाम से ख्याति प्राप्त कर चुके श्री हनुमान जी का बरूआ संस्कार (जनेऊ) कराया जायेगा। जिसे भी यह सूचना मिल रही है वह न कवल मंदिर में जाकर दर्शन कर रहा है। यूँ तो अलौकिक तपस्थली चित्रकूट के नाम का अर्थ ही चित्रों के दर्शन से लगाया जाता है। 84 कोस में फैले इस विशालकाय परिक्षेत्र में हर कोस दो कोस में ऐसे विलक्षण और विशेष स्थानों की भरमार है जिन्हें देखकर लोग विस्मय व्यक्त करते हैं। ऐसा ही एक स्थान पश्चिमोन्मुखी श्री मंदाकिनी गंगा के समीप सूरजकुंज के पास है। अहमदगंज में बेड़ी पुलिया के पास रेलवे क्रासिंग के पास झपोला सरकार का दिव्य स्थान मंगलवार व शनिवार श्रद्धालुओं के पहुंचने का माध्यम है। वैसे प्रतिदन भी श्रद्धालु यहां पर पहुंचते हैं। यहां के पुजारी सूरजकुंज के पूर्व महंत स्वामी राम कमल दास के शिष्य हैं जो पहले कोटा राजस्थान में रहते थे। उनका कहना है कि हनुमान जी के आदेश पर वह वापस आये और अब उन्हीं के आदेशानुसार चैत्र की नवरात्रि में हनुमान जी महराज का बरूआ संस्कार करवाया जा रहा है !
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