चित्रकूट। रिमझिम बारिश के बीच सावन के पहले सोमवार को भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। मत्स्यगयेन्द्र नाथ मंदिर के साथ ही जनपद के अन्य शिवालयों में भक्त दिनभर भोले बाबा का पूजन करते रहे।
तीर्थ नगरी में सोमवार को भगवान शंकर के भक्तों का सैलाब उमड़ सा दिखाई दे रहा था। सावन के पहले सोमवार पर चित्रकूट के महाराजाधिराजस्वामी मत्स्यगयेन्द्र नाथ के दर्शनों के लिये आये सैलाब के सामने मंदिर का प्रांगण छोटा पड़ गया। हर कहीं हरहर बमबम और ऊं नम: शिवाय के उद्घोषों के साथ भक्त हाथों में मंदाकिनी का जल, दूध, बेल, धतेरा, बेल पत्र, चंदन, भांग, धतूरा, के साथ पुष्पों को लिए कतारों में खड़े थे। शिव तांडव स्त्रोत व शिव महिमा के कैसेट समूचे क्षेत्र में गुंजायमान हो रहे थे। बाहर से आये कांवरियों और उनकी रक्तिम आभा युक्त पोशाकों से पूरे तीर्थक्षेत्र में रौनक बढ़ गयी। तमाम श्रद्धालु श्री राम जी के राज्याभिषेक के लिए लाये जाने वाले समस्त नदियों व तीर्थो के जल को अपने में समाहित रखने वाले भरतकूप के कुएं का भी जल लाये थे। तमाम भक्त राजापुर व मऊ से पवित्र यमुना का जल लेकर अभिषेक करने आये थे। स्थानीय दुकानदार भी यहां पर शिव महिमा से सम्बंधित कैसेटों के गीतों को बजाते दिखाई दिये।
तीर्थ नगरी में सोमवार को भगवान शंकर के भक्तों का सैलाब उमड़ सा दिखाई दे रहा था। सावन के पहले सोमवार पर चित्रकूट के महाराजाधिराजस्वामी मत्स्यगयेन्द्र नाथ के दर्शनों के लिये आये सैलाब के सामने मंदिर का प्रांगण छोटा पड़ गया। हर कहीं हरहर बमबम और ऊं नम: शिवाय के उद्घोषों के साथ भक्त हाथों में मंदाकिनी का जल, दूध, बेल, धतेरा, बेल पत्र, चंदन, भांग, धतूरा, के साथ पुष्पों को लिए कतारों में खड़े थे। शिव तांडव स्त्रोत व शिव महिमा के कैसेट समूचे क्षेत्र में गुंजायमान हो रहे थे। बाहर से आये कांवरियों और उनकी रक्तिम आभा युक्त पोशाकों से पूरे तीर्थक्षेत्र में रौनक बढ़ गयी। तमाम श्रद्धालु श्री राम जी के राज्याभिषेक के लिए लाये जाने वाले समस्त नदियों व तीर्थो के जल को अपने में समाहित रखने वाले भरतकूप के कुएं का भी जल लाये थे। तमाम भक्त राजापुर व मऊ से पवित्र यमुना का जल लेकर अभिषेक करने आये थे। स्थानीय दुकानदार भी यहां पर शिव महिमा से सम्बंधित कैसेटों के गीतों को बजाते दिखाई दिये।
जुगनू खान चित्रकूट 09450225037