Pages

Sunday 18 December, 2011

गरुण देव की अनोखी उपासना




कीजिये गरुण देव की उपासना
जीवन के सभी संकट होंगे दूर
चित्रकूट में संकट मोचन हनुमान का दुर्लभ रूप
गरुण देव की अनोखी उपासना

धार्मिक ग्रंथों में गरुण देव को हनुमान का ही दूसरा और दुर्लभ रूप माना जाता है ! हनुमान रुपी गरुण देव का रूप हिन्दू धर्म की आस्था में बेहद खास महत्व रखता है ! श्री राम की कर्मभूमि चित्रकूट में संकट मोचन हनुमान जी ने ही तुलसीदास को पंछी रूप में राम के आने की सूचना दी थी ! चित्रकूट में पंछी रूप में गरुण देव का काफी प्राचीन और दुर्लभ स्थान है ! यह स्थान गरुण देव मंदिर के नाम से जाना जाता है ! यहाँ भक्त गरुण देव की उपासना करते हैं !

गरुण देव का कई धार्मिक ग्रंथों में अलग अलग वर्णन किया गया है ! सतयुग , त्रेता और द्वापर युग में गरुण देव का वर्णन मिलता है ! द्वापर में गरुण देव श्री कृष्ण के भक्त थे ! त्रेता में गरुण को हनुमान के ही रूप में माना गया है इसी तरह सतयुग के समय गरुन्देव भगवान विष्णु के सबसे पसंददीदा वाहको में से रहे है !

चित्रकूट में गरुण देव की उपासना करने का तरीका , बेहद खास और अनोखा है ! गरुण देव के इस मंदिर में प्राचीन समय के कई वाद्य यंत्रों को बजा कर आरती करने की परम्परा है जिसमे गरुण शंख , गरुण घंटा और अन्य कई प्रकार के यंत्रों को बजाया जाता है ! गरुण देवता को प्रसन्न करने का यह अनोखा तरीका राम नगरी चित्रकूट में काफी प्राचीन है ! मान्यता है गरुण देव की आराधना करने से जीवन के सभी संकट पलभर में ही दूर हो जाते हैं !

प्राचीन गरुण देव मंदिर में अमावस्या को भक्तों की भारी भीड़ उमडती है ! दूर दराज के भक्त यहाँ अपने जीवन के संकटों से मुक्ति पाने की कामना करने दौड़े चले आते हैं ! भक्तों का विश्वास है की चित्रकूट में पंछी रूप में विराजने वाले गरुण देव की उपासना से तीनो देव विष्णु , राम और कृष्ण को प्रसन्न किया जा सकता है !
चित्रकूट के घाट पर , भई संतान की भीर , तुलसीदास चन्दन घींसे , तिलक देत रघुवीर !
राम चरित मानस की इस चौपाई में तुलसीदास और भगवान राम के मिलने की बात कही गई है इस मिलन के हकदार हनुमान ने ही पंछी रूप में तुलसीदास को राम के आगमन का संदेश दिया था ! भक्त गरुण देव मंदिर की परिक्रमा कर उनसे संकटों से मुक्ति पाने की प्रार्थना करते हैं !

जुगनू खान

No comments:

Post a Comment