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Sunday 18 December, 2011

श्री राम ने की कामना देवी की आराधना





श्री राम का सबसे प्रिय स्थान चित्रकूट धाम
कामदगिरी परिक्रमा एक छोटी सी पहाड़ी है ! इसकी परिधि पांच किलोमीटर है ! इस पर्वत पर कामना नामक देवी की प्राचीन प्रतिष्ठा है ! अपने वनवास काल में श्री राम जब चित्रकूट पधारे तब इस देवी की आराधना की ! कामना देवी ने भगवान श्री राम की कामना पूरी की थी ! क्यूंकि भगवान श्री राम को ऐसे दानवों का वध करना था जिन्होंने देवताओं द्वारा प्रदान किये गये वरदानों के बल पर म्रक्तयु को भी अपने वशीभूत कर रखा था ! ऐसे ही दानवों का वध करने के लिए श्री राम को कामना देवी की आराधना करनी पड़ी थी ! कामना देवी की आराधना से राम की कामना पूर्ण हुई थी तब से श्री राम को यह स्थान सबसे प्रिय था ! पर्वत पर स्थित इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए चारों दिशाओं में चार द्वार हैं ! यह चारों द्वार मुखारविंद के नाम से प्रसिद्ध हैं ! इस पवित्र कामदगिरी पर्वत के दर्शन लाभ से ही मनुष्यों का भय , ताप , उन्मूलन नाश होता है ! चित्रकूट में कमदनाथ की परिक्रमा करने का महत्व है ! राम के भक्त कमदनाथ की परी परिक्रमा (लेट कर ) भी करते हैं ! गोश्वामी तुलसीदास ने लिखा है !
कामद भेगिरी रामप्रसादा , अवलोकत अपहरत विषादा !

जुगनू खान

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